Quran On Hindus

Note- All the translation of Quranic verses taken from sahih International  website which is very authentic site of qur'anic verses.The Sahih International translation is an English Language translation of the Quran. Published by the Publishing House (dar), dar Abul Qasim, Saudi Arabia, it is one of the World's most popular Quran translations.

 

Quran On Hindus


The Quran is a clear revelation of Allah’s guidance, and should be accepted as it is, rejection is punished by eternal torment.



Any repudiation of it’s verses merits a horrible punishment.



Hinduism is unacceptable as a religion.



Hindus are the worst of living creatures in the sight of Allah


Hindus are accursed.


Muslims should never obey Hindus  (which makes management an extremely difficult task!) … and they should be bashed with the Koran.


Hindus are unclean.


ALL Hindus are going to hell to burn for eternity regardless of their virtue.


Even the good deeds of Hindus are worthless like mirages in a desert.


Hindus will experience only failure and Muslims success. (This holy truth doesn’t seem to have materialized as the majority of Muslims are living in poverty and ignorance. Pakistan and Afghanistan are failed states!)


The teachings of Hinduism lead to darkness (ignorance) and eternal damnation.


The Vedas, Upanishads, Gita, Ramayana etc. teach only lies regardless of the fact that there are objective, verifiable  truths contained in every Scripture.


Hindus believe in superstition and false idols.


Hindus worship not God but the Devil.


The worst  and most unforgivable of all sins is any deviation from strict monotheism


Hindus should be mercilessly slaughtered until polytheism is eradicated.


Allah orders Muslims to kill the disbelievers (the word used is not fight but rather “kill” qatal)

"until there is no more Fitnah." According to Ibn Abbas and others, "Fitnah" means polytheism, "And religion (worship), is for Allah" meaning Allah's religion should stand supreme and overshadowing the rest of the religions.

In the Sahihayn, it is reported that the Prophet said: "I have been ordered (by Allah) to fight the people till they say: "None has the right to be worshipped by Allah, and whoever says it will save his life and property from me except on breaking the law (rights and conditions for which he will be punished justly), and his accounts will be with Allah"".

Tafsir (commentary) of Ibn Kathir, op cit, page 117, 11


The injunction here again is qatal which means to kill or to wage a bloody conflict with the enemy (Hindus) until idolatry (fitnah) is extirpated and only the religion of Islam is triumphant. The term fitnah  also means any resistance to the spread of Islam.


Taghut is translated as idols

Hindus must be slaughtered unless they convert. Thus we see that in Islam conversion (or ‘reversion’ as the Islamists say) is not a matter of personal conviction but formally subscribing to a social-political system i.e. joining the “Party-of-God.”


And those Muslims who fight and kill the Hindus for the sake of the spread of Islam are blessed and will be well-rewarded by the  compassionate and omniscient Allah.


Hindus who are not killed can be ransomed


On the other hand if Hindus agree to live submissively under Islamic rule  they can pay a poll-tax (jizyah) and accept humiliation at the hands of believers.


Actually the privilege of living as subjugated second-class citizens (dhimmis) who pay a monthly poll-tax (jizyah) as protection money was granted only to the “people of the book” i.e. Christians and Jews. The Hanafiyah school of Sharia jurisprudence which operated in India was unique out of the four schools as being the only one which granted dimmi status to Hindus. The others believed all polytheists should be forcibly converted or exterminated without compromise or mercy.

Muslims should never take Hindus as friends because they will corrupt the pure and righteous believers.


Muslims should never marry Hindus — unless they convert.


Righteous Muslims should even fight with, and be harsh to their Hindu neighbors


 

Seeing that all Hindus are destined for hell anyway there is no need to be courteous and kind to them on the way!


Muslims must be compassionate to other Muslims but merciless to Hindus.







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2 टिप्पणियाँ

  1. Buddha said:

    Ananda, women are hateful, jealous, miserly and lack wisdom, as a result they neither come to the limelight, nor do an industry and see its benefits” (Anguttara Nikaya 4.80)

    "Ananda, under whatever doctrine and discipline women are allowed to go out from the household life into the homeless state, that dhamma will not last long." (Chulavagga 10.1 )

    In the bible,it says

    I do not permit a woman to teach or to assume authority over a man; she must be quiet.

    (1- Timothy 2:12)

    Further the bible says
    Let your women keep silence in the churches: for it is not permitted unto them to speak; but they are commandedto be under obedience, as also saith the law.

    (1 Corinthians 14:34)

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  2. क्या कहता है कुरान हिन्दुओं के बारे में?

    1-काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो और मौक़ा मिलकर सर काट दो .सूरा अनफाल -8 :112

    2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो .

    “अगर काफिरों से मुकाबला हो ,तो उनकी गर्दनें काट देना ,उन्हें बुरी तरह कुचल देना .फिर उनको बंधन में जकड लेना .यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान दिखाना,ताकि वह फिर हथियार न उठा सकें .सूरा मुहम्मद -47 :14

    3 -गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना .

    ‘मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना ,उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते सूरा तौबा -9 :5

    4 -हरदम लड़ाई की तयारी में लगे रहो .

    “तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो.ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें .जिनके बारेमे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं .अलाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा .सूरा अन फाल-8 :60

    5 -लूट का माल हलाल समझ कर खाओ .

    “तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ ,और अपने परिवार को खिलाओ .सूरा अन फाल-8 :69

    6 -छोटी बच्ची से भी शादी कर लो .

    “अगर तुम्हें कोई ऎसी स्त्री नहीं मिले जो मासिक से निवृत्त हो चुकी हो ,तो ऎसी बालिका से शादी कर लो जो अभी छोटी हो और अबतक रजस्वला नही हो .सूरा अत तलाक -65 :4

    7 -जो भी औरत कब्जे में आये उससे सम्भोग कर लो.

    “जो लौंडी तुम्हारे कब्जे या हिस्से में आये उस से सम्भोग कर लो.यह तुम्हारे लिए वैध है.जिनको तुमने माल देकर खरीदा है ,उनके साथ जीवन का आनंद उठाओ.इस से तुम पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन निसा -4 :3 और 4 :24

    8 -जिसको अपनी माँ मानते हो ,उस से भी शादी कर लो .

    “इनको तुम अपनी माँ मानते हो ,उन से भी शादी कर सकते हो .मान तो वह हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया .सूरा अल मुजादिला 58 :2

    9 -पकड़ी गई ,लूटी गयीं मजबूर लौंडियाँ तुम्हारे लिए हलाल हैं .

    “हमने तुम्हारे लिए वह वह औरते -लौंडियाँ हलाल करदी हैं ,जिनको अलाह ने तुम्हें लूट में दिया हो .सूरा अल अह्जाब -33 :50

    10 -बलात्कार की पीड़ित महिला पहले चार गवाह लाये .

    “यदि पीड़ित औरत अपने पक्ष में चार गवाह न ला सके तो वह अलाह की नजर में झूठ होगा .सूरा अन नूर -24 :१३

    11 -लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा .

    “तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले ,उसमे पांचवां हिस्सा रसूल का होगा .सूरा अन फाल- 8 :40

    12 -इतनी लड़ाई करो कि दुनियामे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे .

    “यहांतक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये .केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे.सूरा अन फाल-8 :39

    13 -अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ .

    “मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो ,अगर तुमने अलाह की कसम तोड़ दी ,तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो .सूरा अल मायदा -5 :89

    14 – इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी .

    “यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो .सूरा अन नहल -16 :106

    15 – जो मुहम्मद का आदर न करे उसे भारी यातना दो

    “जो अल्लाह के रसूल की बात न माने ,उसका आदर न करे,उसको अपमानजनक यातनाएं दो .सूरा अल अहजाब -33 :57

    16 -मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हत्यारे हैं .

    “अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं ,इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं .अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है .अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके .सूरा अत तौबा -9 :111

    17 -जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा ,जहन्नम में जाएगा .

    “अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है.जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे .सूरा अल बकरा -2 :217

    18 -जो अल्लाह की राह में हिजरत न करे उसे क़त्ल करदो

    जो अल्लाह कि राह में हिजरत न करे और फिर जाए ,तो उसे जहां पाओ ,पकड़ो ,और क़त्ल कर दो .सूरा अन निसा -4 :89

    19 -अपनी औरतों को पीटो.

    “अगर तुम्हारी औरतें नहीं मानें तो पहले उनको बिस्तर पर छोड़ दो ,फिर उनको पीटो ,और मारो सूरा अन निसा – 4 :34

    20 -काफिरों के साथ चाल चलो .

    “मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट देदो .ताकि वह धोखे में रहें अत ता.सूरा रिक -86 :16 ,17

    21 -अधेड़ औरतें अपने कपडे उतार कर रहें .

    “जो औरतें अपनी जवानी के दिन गुजार चुकी हैं और जब उनकी शादी की कोई आशा नहीं हो ,तो अगर वह अपने कपडे उतार कर रख दें तो इसके लिए उन पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन नूर -24 :60

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