बुद्ध और नारी
बौद्ध धर्म मे नारी का सम्मान बस इतना है जितना मैं नीचे बौद्ध ग्रंथों से सबुत के साथ बता रहा हूं।*
बौद्ध ग्रंथो से स्त्रियों के प्रति बौधों और बुद्ध की मानसिकता पर एक नजर ..
● “भिक्षुओं! काले सांप में पांच दुर्गुण हैं। अस्वच्छता, दुर्गंध, बहुत सोने वाला भयकारक और मित्रद्रोही(विश्वासघाती)। ये सारे दुर्गुण स्त्रियों में भी हैं। वे अस्वच्छ, दुर्गंधयुत, बहुत सोने वाली, भय देने वाली और विश्वासघाती है।”
(अंगु.पांचवा निपात,दीपचारिका वग्गो,पठण्हसुत्त ५/२३/९)
१:- स्त्री वर्ग संतापी , ईर्ष्यालु ,मूर्ख ,मत्सरी और बुद्घिहीन है।
(अंगुत्तरनिकाय चक्कतुनिपात)
२:- स्त्रियां धूर्त ,झूठी ,कारस्थानी, अप्रामाणिक, गुप्त व्यवहार करने वाली है। “
(जातककथा ६२/१९२)
३:-“भिक्षुओं! काले सांप में पांच दुर्गुण हैं। अस्वच्छता,दुर्गंध,बहुत सोने वाला,भयकारक और मित्रद्रोही(विश्वासघाती)। ये सारे दुर्गुण स्त्रियों में भी हैं। वे अस्वच्छ ,दुर्गंधयुत, बहुत सोने वाली ,भय देने वाली और विश्वासघाती है।”
(अंगु.पांचवा निपात,दीपचारिका वग्गो,पठण्हसुत्त ५/२३/९)
१:- अधिकतर स्त्रियों को मैंने नरक में देखा है। उसके तीन कारण हैं जिससे स्त्रियां नरकगामी बनती हैं:-
-वो पूर्वाह्न काल में, सुबह, कृपण और मलिन चित्त की होती है।
-दोपहर में मत्सर युक्त होती हैं।
-रात को लोभ और काम युक्त चित्त की होती है।
(संयुक्त निकाय,मातुगामसंयुत्त,पेयाल्लवग्गो , तीहिधम्मोसुत्त ३५/१/४)
१:- स्त्री कभी भी बुद्ध नहीं बन सकती।
(पाली जातक,अट्ठकथानिदान,निदानकथा १९)
तो ये है तथाकथित मानवतावादी धर्म मे स्त्री समाज की स्थिति ,,
अगर हम सब बौध्य ग्रन्थों को पढ़ना शुरू कर दे तो पूरी बुद्ध धर्म का गप्प पता चल जायेगा ..इसीलिए आप सबसे कि आप बिना पढ़े वामपंथी इतिहासकार बौध्य भांटो के बहकावे में ना आये ….भगवान् ने आपको दिमाग दिया है खुद विचार करने के लिए
Thanks for reading this article
Publisher-Hari Maurya
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