बाइबिल में कितने ईश्वर हैं? एक या तीन? क्या पवित्र आत्मा, ईश्वर और यीशु एक है वा अलग अलग सत्ता है? आएँ देखें।
5 क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है।
(1 तीमुथियुस, अध्याय २)
1 फिर उस से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के पुत्रा के ऊपर उतरते देखोगे।।
(यूहन्ना, अध्याय २)
1 परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ।
(मरकुस, अध्याय १)
19 निदान प्रभु यीशु उन से बातें करने के बाद स्वर्ग पर उठा लिया गया, और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।
(मरकुस, अध्याय १६)
19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं।
(याकूब, अध्याय २)
उपरोक्त आयतो को पढ़ने से ज्ञात होता है, बाइबिल का कोई परमेश्वर है, और उसका पुत्र ईसा, अलग अलग हैं, यानी दो अलग अलग चरित्र हैं, यह भी ज्ञात होता है की ईसा, परमेश्वर और मनुष्यों के बीच एक बिचौलिया है और स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिनी और बैठता है। इसी प्रकार की अनेक आयते बाइबिल के नए नियम में मौजूद हैं।
अब आगे :
14 प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह और परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे॥
(2 कुरिन्थियों, अध्याय १३)
19 इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
(मत्ती, अध्याय २८)
2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्त अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे॥
(1 पतरस, अध्याय १)
उपरोक्त आयतों से एक ईश्वर के स्थान पर तीन भिन्न भिन्न प्रकार की सत्ताओ का ज्ञान होता है वह है, एक परमेश्वर, दूसरा पुत्र ईसा और तीसरा पवित्र आत्मा। इसी प्रकार की अनेक आयते बाइबिल के नए नियम में मौजूद हैं।
अब और आगे :
30 मैं और पिता एक हैं।
(यूहन्ना, अध्याय १०)
15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है।
(कुलुस्सियों, अध्याय १)
12 तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।
(यूहन्ना, अध्याय ८)
58 यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि पहिले इसके कि इब्राहीम उत्पन्न हुआ मैं हूँ।
(यूहन्ना, अध्याय ८)
6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।
(यूहन्ना, अध्याय १४)
यहाँ उपरोक्त वर्णित आयतो से ज्ञात होता है, की ईश्वर और ईसा एक हैं, यानी ईसा से बड़ी सत्ता कोई नहीं, ईसा ही ईश्वर है, ऐसा ईसा का कथन है।
लेकिन आगे ईसा क्या कहता है देखिये :
28 तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्योंकि पिता मुझ से बड़ा है।
(यूहन्ना, अध्याय १४)
अब समझ ये नहीं आता कि आखिर बाइबिल में ईश्वर है कौन ?
ईसा ?
परमेश्वर ?
पवित्र आत्मा ?
इससे भी बड़ी बात, कभी ईश्वर को बड़ा बनाया, कभी खुद को ईश्वर कहा, कभी पवित्र आत्मा के द्वारा पवित्र होना बताया, कभी खुद को ईश्वर के साथ होना बताया।
ईसाइयो, बाइबिल का ईश्वर आखिर है कौन ? और है तो कितने हैं?
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