जिहाद का सही अर्थ क्या है आज ज्यादातर हिन्दू , सिख , बौध्य , जैन भाईयों को नहीं पता ।आज पूरी दुनिया में सैकड़ों आतंकवादी संगठन है सब एक ही विषय पर काम कर रहे और वो है जिहाद.।.इसलिए आज हम कुरान के अनुसार जिहाद का अर्थ जानने का प्रयास करेंगे ।
1- हे नबी! ‘काफिरों’ और ‘मुनाफिकों’ के साथ जिहाद करो, और उन पर सखती करो और उनका ठिकाना ‘जहन्नम’ है।
- (कुरान : सूरा 66 आयात 9)
2 -जो अल्लाह के सिवा किसी और को पूजता है, वो निश्चित ही जहन्नुम के आग का इर्धन बनेंगे ।
- (कुरान : सूरा 32 आयात 22)
4 -अल्लाह को ना मानने वाले को कभी भी मित्र न बनाओ।
- (कुरान : सुरा 5 आयात 57)
5 -जो लोग काफिरो से मित्रता करेगा,वो लोग भी जालिम होंगे।
-(कुरान : सूरा 9 आयात 23)
6 -मूर्तिपूजक को जहा कही भी पाओ, उनका कत्ल करो ।
- (कुरान : सूरा 9 आयात 5)
7 -नि संदेह: गैर मुस्लिम तम्हारे खुले दुश्मन है ।
-( कुरान : सूरा 4 आयात 101)
8 -फिर हराम महीने बीत जाऐं तो मूर्ति पूजकों को जहाँ-कहीं पाओ कत्ल करो, और उन्हें घेरो और हर घात की जगह उनकी ताक में बैठो। यदि वे तौबा कर लें और ‘नमाज’ क़ायम करें और ‘जकात’ दें तो उनका मार्ग छोड़ दो।”
- (कुरान : सूरा 9 आयात 5)
9- ”हे ‘ईमान’ लाने वालो (केवल एक आल्ला को मानने वालो ) ‘मुश्रिक’ (मूर्तिपूजक) नापाक (अपवित्र) हैं।”
- (कुरान सूरा 9, आयत 28)
अगर कम शब्दों में कहें तो जो गैर- मुस्लिम है उसको मारना , उसका धर्म बदलना और गैर- मुस्लिम लड़कियों से जबरजस्ती या दोखे से सम्बन्ध बनाना ही जिहाद है ताकि इस्लाम को फैलाया जा सके..😡😡
इसलिए जो दलित शुभचिंतक लोग जय- भीम जय-मीम का नारा लगाने की भूल कर रहे है उनके पास समय है संभल जाये नहीं तो बहुत देर हो जायेगी..
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