क्या भगवान राम का जन्म खीर खाने से हुवा था



आज कल एक मिथ्या प्रचार किया जा रहा है कि राम का जन्म खीर कहने से हुवा था तो क्या ये पूर्ण रूप से सत्य है या नहीं इस लेख में हम  इसकी समीछा करेंगे .


अत्याचारी रावण के अंत के लिए नारायण को राम अवतार लेना पड़ा था -

एवम् उक्ताः सुराः सर्वे प्रत्यूचुः विष्णुम् अव्ययम् |
मानुषम् रूपम् आस्थाय रावणम् जहि संयुगे || [1-16-3]

अर्थ - देवताओं ने विष्णु से प्राथना की वो रावण का युद्ध में अन्तः करने के  लिए धरती पर अवतार ले।

इति एतत् वचनम् श्रुत्वा सुराणाम् विष्णुः आत्मवान् |
पितरम् रोचयामास तदा दशरथम् नृपम् || [1-16-8]

अर्थ -देवताओं की उस वाणी को सुनकर , दयालु भगवान विष्णु ने तब दशरथ को मानव जगत में अपने पिता के रूप में चुना।

दिव्य मीठे पदार्थ कैसा था जिसको खाने से दसरथ की रानिया गर्भधारण करने की समस्या खत्म हुई-


दशरथ की रानियों के अंदर गर्भ न धारण करने की समस्या थी इसलिए इन्होने एक यज्ञ का आयोजन करवाया 
जिससे दिव्य पुरूष ने जो दिव्य खीर  दी वो आयुर्वेदिक औषधियों से बनी हुई थी जिससे उनकी पत्नियों की गर्भ न धारण कर पाने की समस्या खत्म हुई ।

वो दिव्य पुरुष किसके साथ था -

दिवाकर समाअकारम् दीप्त अनल शिखोपमम् |
तप्त जाम्बूनदमयीम् राजतान्त परिच्छदाम् || [1-16-14]
दिव्य पायस संपूर्णाम् पात्रीम् पत्नीम् इव प्रियाम् |
प्रगृह्य विपुलाम् दोर्भ्याम् स्वयम् मायामयीम् इव || [1-16-15]


अर्थ - वह दिव्य पुरुष अपने दोनों हाथों से एक बड़ा सोने का बर्तन पकड़े हुवा था वह बर्तन पिघले हुए सोने से बना था और चांदी के ढक्कन से ढका हुआ था, और जो बाहर से तैयार किया गया प्रतीत होता है , क्योंकि यह सूर्य की तरह चमकदार और ज्वाला की तरह चमक रहा है, और वह बर्तन दिव्य मीठे पदार्थ से भरा हुवा था। 

देवताओ द्वारा औषधिया खीर बनायीं गयी थी

इदम् तु नृप शार्दूल पायसम् देव निर्मितम् |
प्रजा करम् गृहाण त्वम् धन्यम् आरोग्य वर्धनम् || [1-16-19]

अर्थ - हे सुरवीर राजा देवताओ दवारा तैयार की गयी इस दिव्य खीर को ले लो यह दिव्य खीर  गर्भ धारण न कर पाने  की समस्या को दूर करने वाला है। 



कई बार अक्सर ऐसा होता है की कई महिलाओं को गर्भ न धारण  कर पाने वाले शारीरिक समस्या हो जाती है जिसको आज कल दवाईयां खाकर से सही किया जाता है ये भी वैसे ही था जब दशरथ की रानियों ने आयुर्वेदिक औषधि से बनी खीर खायी तो उनकी गर्भ न धारण कर पाने वाली समस्या दूर हो गयी दशरथ की रानियों को बहुत समय से कोई संतान नहीं थी उन्होंने 4 शादिया भी कोई संतान न होने के चलते किया था । 



Writer - Hari_Maurya 

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