मैंने कुछ महामुर्ख लोग देखे है जो अपनी एक नयी फ़र्ज़ी थ्योरी के साथ जी रहे है की OBC शुद्र होता है तो उन गधों को ये पता होना चाहिए की OBC का मतलब "अन्य पिछड़ी जातियां " होता है और OBC सभी धर्मो के लोगो में होते है....
click on this link to know more about obc-https://en.wikipedia.org/wiki/Other_Backward_Class
Note-भारत में जितने भी धर्म है उनकी सारी जातियों को General , obc , sc-st categories में बांटा गया है..इसलिए किसी के बहकावे में ना आइये विस्वास ना हो तो खुद पता कर लीजिये...
ये कुछ ब्राह्मण जातियाँ है जिन्हे OBC में शामिल किया गया है
Daivadnya Brahmins
Shaiva Brahmin
Bhargav Dakaut or Joshi Brahmins
Kattaha Brahmin
VishwaBrahmin
Jangid Brahmin i
Saurashtra Brahmins
Sthanika Brahmins
Goswami Brahmins
Rudraja Brahmins
Manipuri Brahmins
Rajapur Saraswat Brahmins
Vaishnav Brahmins (Swami, Bairagi, Nayak, Raina, Bawa,)
मुस्लिमो में OBC जातियों की जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_Muslim_Other_Backward_Classes_communities_in_India
वैसे भी शूद्र होना कोई गलत बात नहीं है क्यूंकि मनुस्मृती के अनुसार शूद्र भी आर्य(श्रेष्ठ ) है जन्म से हर व्यक्ति शूद्र होता है..बाद में कर्म के अनुसार अन्य वर्ण को धारण करता है
=>‘‘जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद् द्विज उच्यते।’’
(स्कन्दपुराण, नागरखण्ड 239.31)
अर्थात्-प्रत्येक बालक, चाहे किसी भी कुल में उत्पन्न हुआ हो, जन्म से शूद्र ही होता है। उपनयन संस्कार में दीक्षित होकर विद्याध्ययन करने के बाद ही द्विज बनता है। =>शूद्रो ब्राह्मणतामेति ब्राह्मणश्चैति शूद्रताम। क्षत्रियाज्जातमेवं तु विद्याद्वैश्यात्तथैव च। - (मनुस्मृति-10/65)
अर्थात- कर्म के अनुसार ब्राह्मण शूद्रता को प्राप्त हो जाता है और शूद्र ब्राह्मणत्व को। इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य से उत्पन्न संतान भी अन्य वर्णों को प्राप्त हो जाया करती हैं।
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