【मानव जाति चतुर्वर्ण प्रवर्तन मनु】 ◙ आचार्य यास्क निरुक्त में इसी मान्यता को स्थापित करते हैं- ‘‘मन…
आरम्भ में सभी एक ही वर्ण के थे आदौ कृतयुगे वर्णो नृणां हंस इति स्मृत: । कृतकृत्या: प्रजा जात्या तस्…
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